Create Your First Project
Start adding your projects to your portfolio. Click on "Manage Projects" to get started
अपनी धार्मिक खोज
तुम मुझे तस्वीरों में ढूंढते रहे।
धार्मिक स्थल और मूर्तियों में ढूंढते रहे।।
मंदिरो की चौखट पर जो मिले उसे मेरा प्रसाद समझते रहे।
अपनी खुशहाली के लिए पुजारियो की थाली में नोट रखते रहे ।।
बड़ी शान से तुम दान देते रहे ।
बड़े बड़े भंडारो मैं नाम देते रहे।।
लाख कोशिशों के बाद भी जब नही मिला होंगा मैं,
तुम्हारा भक्ति पर से विश्वास उठ गया होगा।
झूठी दिलासा देते होगे खुद को, पूजा पाठ व्यर्थ लगा होगा ।।
जिस दिन अपने अस्तित्व को समझ लोगे उस दिन मेरा पता पा लोगे।
"भगवान" और "ख़ुदा" में कोई फर्क नही है यह बात जान लोगे ।।
अभिन्न भाग हूँ मैं तुम्हारा , तुम में ही बसता हूँ ।
सदैव साथ रहता हूँ तुम्हारे , मुश्किलों से तुम्हारे साथ ही लड़ता हूँ ।।
बंद करदे ख़ुदा की ये खोज "ऐ मुसाफिर" स्वयं को पहचान ।
अपने पुरषार्थ पर भरोसा कर और अपने दिल की मान ।।
- सूर्यांशु